Saturday, 7 October 2017

2 Line Shayari, Na rok kalam mujhe

ना रोक कलम मुझे दर्द लिखने दे,
आज तो दर्द रोयेगा या फिर दर्द देने वाला।


रूबरू तो देखा नही तुम्हे, बस महसूस किया है,
इन्ही खूबसूरत ख्यालो से, बेहपना मोहब्बत है हमे।
मुस्कुराहट एक कमाल की पहेली है,
जितना बताती है, उससे कहीं ज्यादा छुपाती हैं।
हमे मालूम था अपनी दिल्लगी का नतीजा,
तभी मोहब्बत से पहले शायरी सीखी है हमने।
कुछ रिश्ते अजीब होते हैं, आलम तो देखिए,
जोड़े भी नहीं जाते, तोड़े भी नहीं जाते।
इंतजार तो बस उस दिन का है,
जिस दिन तुम्हारे नाम के पीछे हमारा नाम लगेगा।
ज़्यादा कुछ नहीं बदला उसके और मेरे,
बीच में पहले नफरत नहीं थी और अब प्यार नहीं है।
लग रहा है भूल गए हो शायद,
या फ़िर कमाल का सब्र रखते हो।
ज़िन्दगी है चार दिन की, कुछ भी न गिला कीजिये
दवा, ज़हर, जाम, इश्क, जो मिले मज़ा लीजिये।
जिस फूलों की परवरिश हमने अपनी मोहब्बत से की,
जब वो खुशबू के काबिल हुए तो औरों के लिए महकने लगे।

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