Saturday, 16 December 2017

2 Line Shayari Collection #178

तरस आता है मुझे अपनी मासूम सी पलकों पर,
जब भीग कर कहती है की अब रोया नहीं जाता।


तारे और इंसान में कोई फर्क नहीं होता,
दोनो ही किसी की ख़ुशी के लिऐ खुद को तोड़ लेते हैं।
कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,
कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।
नहीं ‘मालूम ‘हसरत है या तू मेरी मोहब्बत है,
बस इतना जानता हूं कि मुझको तेरी जरूरत है।
बात वफ़ाओ की होती, तो कभी न हारते,
बात नसीब की थी, कुछ ना कर सके।
हर पल में प्यार है हर लम्हे में ख़ुशी है,
खो दो तो याद है जी लो तो ज़िन्दगी है।
बहुत दूर है तुम्हारे घर से हमारे घर का किनारा,
पर हम हवा के हर झोंके से पूछ लेते हैं क्या हाल है तुम्हारा।
निगाहें नाज करती है फलक के आशियाने से,
खुदा भी रूठ जाता है किसी का दिल दुखाने से।
अपनी रातें उनके लिए ख़राब करना छोड़ दो दोस्तों,
जिनको ये भी परवाह नहीं की तुम सुबह उठोगे भी या नहीं।
यूं तो तेरी महफिल में हमे चाहने वालो की कमी नहीं,
पर हम तुझे चाहने में कोई खता करें ये भी तो हमें गवारा नही।

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