कई लोग मुझको गिराने मे लगे है, सरे शाम चिराग भुझाने मे लगे है, उन से कह दो क़तरा नही मैँ 🌊 समन्द्र हूँ, डूब गये वो ख़ुद जो डूबाने मे लगे है!
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