Friday, 22 November 2019

शराब से ज्यादा नशीली आंखें

कैसे मैं बताऊं किस कदर उसके सपने सजते है,
उसके दिलकश नजारो के आगे चाँद तारे भी फ़िके लगते है।
शराब से ज्यादा नशीली है उसकी आंखें,साहब..,
तुम क्या जानो हमको पता है हम कैसे बचते है…

 

~ रवि मिश्रा

The post शराब से ज्यादा नशीली आंखें appeared first on Shayari.

No comments:

Post a Comment