ज़िन्दगी का एक और साल पूरा हुआ
कहीं खुशिया थी तो कहीं गम साथ हुआ
कितना खुशनसीब हूँ मैं,
कुछ पुराने चेहरे साथ रहे
तो कुछ नए चेहरों का दीदार हुआ
किसी को हंसाया तो किसी को रुलाया,
तो कभी मैं भी इन सबसे रूबरू हुआ
ज़िन्दगी का एक और साल पूरा हुआ
कहीं खुशिया थी तो कहीं गम साथ हुआ
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