Friday, 28 May 2021

यूँ तेरा मेरा साथ हो

यूँ तेरा मेरा साथ हो
बनारस का गंगा घाट हो
शाम के हसीन नज़ारे हो
चाँद भी साथ हमारे हो
प्रकृति की हवा सुहानी हो
पक्षियों की मधुर वाणी हो
तेरी मेरी अनकही कहानी हो
हाथों में निर्मल गंगा पानी हो
कुछ वादें तेरी जुबानी हो
कुछ कसमे मेरी जुबानी हो
घाटों पर रात का सन्नाटा हो
गंगा के लहरो की गूंज हो
वहाँ हम एक ज्योतिपुन्ज हो
ऐसी ही प्रेममयी हमारी कहानी हो
गंगा स्वयं साक्ष्य जिसकी निशानी हो

 

~ Pratiksha rai

 

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