Wednesday, 13 October 2021

एक नज़र भी ना देखें वो मेरी तरफ़

हाल अपना सुनाएं हम कैसे उन्हें,
वो तो ग़ैरों की महफ़िल में रमे जा रहे।
एक नज़र भी ना देखें वो मेरी तरफ़,
बेरुखी से हम उनकी मरे जा रहे।।

 

~ महेश ओझा (Mahesh Ojha)

 

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