Thursday, 22 February 2018

2 Line Shayari Collection #185

दूरियाँ जब बढ़ी तो गलतफहमियां भी बढ़ गयी।
फिर तुमने वो भी सुना जो मैंने कहा ही नही।


जिद कर ही बैठे हो जाने की, तो ये भी सुन लो,
खैरियत मेरी.. कभी गैरों से मत पूछना..!!
दोष कांटो का कहाँ हमारा है जनाब,
पैर हमने रखा वो तो अपनी जगह पे थे।
सिर्फ बेचैनीयाँ लिखी जाती हैं दिल की,
लफ्जों से पूरी कहा होती है कमी सनम तेरी।
बहक न जाए आज लौ की नीयत कही..
यारो उससे कहना होंठों से यू वो दीप बुझाया न करे। 💚
हमें ये दिल हारने की बीमारी ना होती,
अगर आपकी दिल जीतने की अदा इतनी प्यारी ना होती। 💞
नक़ाब उलटे हुए जब भी चमन से वह गुज़रता है,
समझ कर फूल उसके लब पे तितली बैठ जाती है।
दिल ने कहा भी था मत चाह उसे यू पागलो की तरह,
कि वो मगरूर हो जायेगा तेरी बेपनाह मुहब्बत देखकर।
भीगी नहीं थी मेरी आँखें कभी वक़्त के मार से,
देख तेरी थोड़ी सी बेरुखी ने इन्हें जी भर के रुला दिया।
ये ना पूछना ज़िन्दगी ख़ुशी कब देती है,
क्योकि शिकायते तो उन्हें भी है जिन्हें ज़िन्दगी सब देती है।

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