Wednesday, 28 February 2018

2 Line Shayari Collection #186

गुलशन तो तू है मेरा, बहारों का मैं क्या करूँ,
नैनों मैं बस गए हो तुम, नज़ारों का मैं क्या करूँ। 💕


तुम साथ हो तो दुनियां अपनी सी लगती है,
वरना सीने मे सांसे भी पराई सी लगती है। 💕
किसी से प्यार करो और तजुर्बा कर लो,
ये रोग ऐसा है जिसमें दवा नहीं लगती।
थोड़ा दर्द भी सहलो महोबत के लिए,
थोड़ा इश्क़ भी करलो सेहत के लिए।
है छोटी सी ज़िन्दगी तकरारें किस लिए,
रहो एक दूसरे के दिलों में यह दीवारें किसलिए।
मैं तेरे खयालो से बच के कहाँ जाऊं,
तुम मेरी सोच के हर रस्ते पे नजर आते हो।
अभी तो चन्द लफ्जो मे शिकायत है तुझे मैने,
अभी तो मेरी किताबों मे तेरी तफसिर बाकी है।
मत फेक पानी में पथर उसे भी कोई पिता है,
मत रहो यु उदास तुम्हे देख कर भी जिंदगी मे कोई जीता है।
दिल में ना हो जुर्रत तो मोहब्बत नहीं मिलती,
खैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती।
सोचता हूँ गुलशन मे काटो के साथ साथ बबूल भी होगे,
क्या हुआ अगर उसने बेवफाई की उसके अपने उसूल भी होगे। 💔

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