डूबी है मेरी उंगलियाँ मेरे ही खून में,
ये काँच के टुकड़ो पर भरोसे की “सज़ा” है !!
तुम्हारी याद के साए मेरे दिल के अँधेरे में,
बहुत “तकलीफ” देते हैं मुझे जीने नहीं देते,
अकेली राह में हमराह कोई मिल तो जाता है,
मगर कुछ दर्द हैं जो दिल बहलने नहीं देते।
जब भी कोई हद से ज्यादा याद आता है
तब बच्चे की तरह “रोने” का मन करता है।
आँखे जिसे चुने वो सही हो या ना हो,
दिल के चुनाव कभी गलत नहीं हुआ करते,
हमसफर तो बहुत से मिल जायेंगे तुम्हे,
पर हर कोई हमदर्द नही होगा।
इतना टूटा हूँ की छूने से बिखर जाऊंगा
अब अगर और दुआ दोगे तो मर ही जाऊंगा।
नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखों में,
काश की हमने तुझे इतने गौर से ना देखा होता..!!
मत पुछ कितनी #मोहब्बत है तुमसे…
#बारिश की #बूंद भी अगर तुम्हे छू ले तो..
दिल में आग लग जाती हैं*
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