जरूरी नही हर चाहत का मतलब इश्क़ हो,
कभी कभी कुछ अंजान रिश्तों के लिए भी दिल बेचैन हो जाता है।
जरूरी नहीं कि काम से ही इंसान थक जाए,
कुछ ख्यालों का बोझ भी.. इन्सान को थका देता है।
मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूँढ लेती है,
बड़ी शातिर है दुनिया मजा लेने का बहाना ढ़ूँढ लेती है।
बड़े महँगे किरदार है ज़िंदगी में,
साहेब.. समय समय पर, सबके भाव बढ़ जाते हैं।
कुछ इस तरह पढे गए हम,
जैसे पुराना अखबार थे,
कुछ इस तरह छूट गए हम,
जैसे गणित का सवाल थे।।
शायरी से ज्यादा प्यार मुझे कही नहीं मिला,
ये सिर्फ वही बोलती है जो मेरा दिल कहता है ।
आईने बेचती थी, तो आता ना था कोई,
रखने लगी मुखौटे जबसे, फुर्सत नही रही।
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