Sunday, 23 June 2019

Hindi Shayari, हम भी लगाव रखते हैं पर बोलते नहीं

हसरतें कुछ और हैं वक्त की इल्तजा कुछ और है कौन जी सका है..
ज़िन्दगी अपने मुताबिक दिल चाहता कुछ और है होता कुछ और है।

हम भी लगाव रखते हैं पर बोलते नहीं,
क्योंकि हम रिश्ते निभाते हैं तौलते नहीं।

वक्त की धारा में अच्छे अच्छों को मजबूर होता देखा है,
कर सको तो किसी को खुश करो, दुःख देते हुए तो हजारों को देखा है।

शायरों की बस्ती मैं क़दम रखा तो जाना,
ग़मो की महफ़िल भी कितनी खुशी से जमती हैं।

है लहू जिनका मेरी रगों में,
तेवर भी उन्हीं का वरदान है,
शान से जीना सिखाया जिसने,
“पापा” उनका नाम है।

जब से सुना है कि मरने का नाम जिंदगी है,
सर पर कफन बांध कातिल को ढूंढते है।

हालात मैकदे के, करवट बदल रहे हैं,
साक़ी बहक रहे हैं, मैकश सँभल रहे हैं।

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