लोग अच्छे भी हैं यहाँ पर, गले लगाने की ज़रूरत है। प्यार भी है और तकरार भी, सिर्फ़ मुस्कराने की ज़रूरत है।
~ जितेंद्र मिश्र ‘बरसाने’
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