देख के तुझे कितना सुकून मुझे मिलता है
ये सिर्फ मैं जानता हूँ।
हैं तु क्या चीज,
ये सिर्फ मैं जानता हूँ।
हैं तेरा क्या वजूद इस जहा में
ये सिर्फ मैं जानता हूँ।
भले ही कुछ ना हो तु ,
दुनिया की नजरों मे
क्या है तेरा वजूद,
ये सिर्फ मैं जानता हूँ।
सिखा है मैंने तुझसे बहुत कुछ,
क्या है तु ये सिर्फ मैं जानता हूँ।
दिया है तुने मुझे कितना,
क्या है तेरे पास ये सिर्फ मैं जानता हूँ।
हैं तेरा ही अहसास इस दिल को,
प्यार हैं या कुछ ओर ये सिर्फ मैं जानता हूँ।
समायी है तु मेरी हर ख्वाईशों में,
हैं तु मेरे रब की तरह,
ये सिर्फ मैं जानता हूँ।
~ स्वामी गंगानिया
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