Monday, 5 December 2022

Ghar Ki Yaad Shayari

अपना घर अपना ही होता हैं क्योंकि सुकून के पल हमें घर के अलावा कही और नहीं मिल सकतें हैं। घर में माता, पिता, भाई बहन का प्यार और अपनापन होता हैं। घर की याद किसे नहीं आती जब हमें अपने काम या नौकरी के सिलसिले में दूसरे शहर या दूसरी जगह रहना पड़ता हैं तो अपने घर से दूर जाने पर हमें घर की याद सताती हैं। जो सुकून अपने घर में आकर मिलता है वो कही नहीं मिलता। घर की याद हमें हमेशा आती है। इस समय हमें घर के असली कीमत का पता चलता है, जब हम अपने घर से दूर होते है। हम दुनिया के किसी भी कोने में चले जाए, अपने घर जैसी शान्ति हमे कहीं नहीं मिल पाती है। घर के साथ हमारे बचपन की यादें, माँ का प्यार और पिताजी का दुलार जुड़ा हुआ होता है। चाहे हम कितनी तरक्की क्यों ना कर ले लेकिन अपने घर से हम कभी जुदा नहीं हो पाते है। आप अपने घर से दूर हो या किसी भी कारण से दूर होकर अगर आप अपने घर को और घर वालों को याद कर रहे हैं। इस पोस्ट में हमने आपके लिए 2 Lines Missing Home Status in Hindi, घर की याद शायरी इन हिंदी, प्रस्तुत किये हैं इन शायरी के माध्यम से आपको अपनेपन का एहसास होगा।

Ghar Ki Yaad Shayari in Hindi

Ghar Ki Yaad Shayari

2 Lines Missing Home Status in Hindi

 

परिवार की अहमियत तब समझ में आती है
जब दूर शहर में घर की यादें सताती है।

 

दूर रहना और घर को याद करना
अभी तो यही है मेरा अफसाना

 

ढूंढ रहा है मेरा मन आज फिर उन गलियों को
जहाँ मेरा बचपन खेला करता था

 

सुकून की तलाश में हम कई दर घूम आए
लेकिन घर जैसा सुकून कहीं और नहीं पाया

 

दूर रहने पर घर का खाना याद आता है
खाने के वक्त माँ का बुलाना याद आता है।

 

वो मिट्टी का घर अब भी मुझे याद आता है
वो दिन थे अनमोल यह बात याद दिलाता है

 

सहर की गर्मी में वो छांव याद आता है
मस्ती में बिता जहाँ बचपन वो गाँव याद आता है।

 

हर दिन शाम से पहले घर आना सिखाया था माँ ने
इस तरह अच्छी आदतों के साथ जीना सिखाया था माँ ने

 

आकाश में उड़ रहे पंछी को भी घर की याद सताती है
चाहे हो दूर कितने भी घर की याद आती है।

 

हजारों मकान तलाश किये कोई ऐसा शहर न मिला
महल मिले पर अपने माँ-बाप के जैसा घर ना मिला

 


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घर की याद आती हैं शायरी इन हिंदी

 

घर से दूर हैं तो घर की याद आती है
वो बचपना वो छोटी सी मोहब्बत याद आती है
कभी मन होता है कि भूल जायें सब कुछ मगर
हाथ जलता है जब तवे से तो माँ की याद आती है।

 

दिल में अब भी दर्द बहुत है
उनकी बहुत याद आती है
घर छोड़े सालो हो गए
मुझे माँ की याद बहुत सताती है।

 

घर से दूर रहने का गम बहुत होता है
जब भी याद करता हूँ माँ बाप को
तो दिल अक्सर रोता है।

 

याद आती है हमको
दिन के हर पहर में
अब जो रहने लगे है
घर से दूर हम ये
नौकरी वाले शहर में।

 

मां बाप के बिना घर, घर नहीं लगता
खाए पिए का असर नहीं लगता
घर की मुझे याद बहुत आती है
एक पल भी मेरा दिल शहर में नहीं लगता

 

जिस घर के आंगन में बैठकर सुकून मिलता था
बुजुर्गों की साहसी बातें सुन जुनून मिलता था
ना जाने कहां खो गए वो घर वो घर के आंगन
जहां हर शुभ काम से पहले शगुन मिलता था

 

ना कुछ पाने की आशा
ना कुछ खोने का डर
बस अपनी ही धुन
बस अपनों का घर
काश मिल जाए फिर
मुझे वो बचपन का पहर

 

बहनो के साथ लड़ाई
भाई के साथ पढाई
माँ का प्यार, पापा का दुलार
दोस्तों की यादे मोहल्ले की राते
क्या बताऊ कितना याद आ रहा है सब
हां घर याद आ रहा है अब।

 


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