Saturday 18 March 2017

कभी तो चाँद असमान से उतरे और आम हो जाये

कभी तो चाँद असमान से उतरे और आम हो जाये,
तेरे नाम की एक खूबसूरत शाम हो जाये,
अजब हालत हुए की दिल का सौदा हो गया,
मुहब्बत की हवेली जिस तरह नीलम हो जाये,
मैं खुद भी तुझसे मिलने की कोशिश नहीं करूँगा,
क्योंकि नहीं चाहता कोई मेरे लिए बदनाम हो जाये,
उजाले अपनी यादों के मेरे साथ रहने दो,
जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाये |



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दिल चाहता है ज़माने से छुपा लूँ तुझको !

दिल चाहता है ज़माने से छुपा लूँ तुझको,
दिल की धड़कन की तरह दिल में बसा लूँ तुझ को.
कोई एहसास जुदाई का न रह पाये,
इस तरह खुद में मेरी जान छुपा लूँ तुझको.
तू जो रूठ जाये मुझ से मेरे दिल के मालिक,
साड़ी दुनिया से खफा हो कर मना लूँ तुझको.
जब मैं देखूं तेरे चेहरे पे उदासी का समा,
बस यह चाहूँ किसी तरह हंसा लूँ तुझको.
तू कभी जब दुनिया से बेज़ार हो जाये ,
दिल यह चाहे की बाहों में छुपा लूं तुझ को!



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तुझे खोना भी मुश्कील है, तुझे पाना भी मुश्कील है !

तुझे खोना भी मुश्कील है, तुझे पाना भी मुश्कील है.
जरा सी बात पर आंखें भीगो के बैठ जाते हो,
तुझे अब अपने दील का हाल बताना भी मुश्किल है,
उदासी तेरे चहरे पे गवारा भी नहीं लेकीन,
तेरी खातीर सीतारे तोड़ कर लाना भी मुश्कील है,
यहाँ लोगों ने खुद पे परदे इतने डाल रखे हैं,
कीस के दील में क्या है नज़र आना भी मुश्कील है,
तुझे जींदगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली,
पर एक पल के लिए तुझे भुलाना भी मुश्कील है



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खूबसूरत ग़ज़ल

जब जब लगा हमें कि खुशी अब सँवर गयी
हमसे छुड़ा के हाथ न जाने किधर गयी।


तुम मिल गए हो तब से हमे लग रहा है यूँ
बिखरी थी जितनी ज़िन्दगी उतनी निखर गयी।


गुल की हरेक पंखुरी को नोच कर कहा
तुम से बिछड़ के ज़िन्दगी इतनी बिखर गयी।


मैं देख कर उदास तुझे सोचता हूँ ये
तेरी हँसी को किसकी भला लग नज़र गयी।


घबराइये न आप हो मुश्किल घड़ी अगर
गुजरेगी ये भी जब घड़ी आसाँ गुज़र गयी।


मुझको पता नही था ये उसका मिजाज़ है
वो भोर बन सकी न तो बन दोपहर गयी।


मैं साथ उसके चल नही सकता ये जानकर
वो इक नदी थी झील के जैसी ठहर गयी||


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क़सम तोड़ दें.........

चाँदनी रात में-
रँग ले हाथ में-
ज़िन्दगी को नया मोड़ दें,
तुम हमारी क़सम तोड़ दो हम तुम्हारी क़सम तोड़ दें ।


प्यार की होड़ में दौड़ कर देखिये,
झूठे बन्धन सभी तोड़ कर देखिये,
श्याम रंग में जो मीरा ने चूनर रंगी
वो ही चूनर ज़रा ओढ़ कर देखिये,
तुम अगर साथ दो-
हाथ में हाथ दो-
सारी दुनियाँ को हम छोड़ दें...
तुम हमारी क़सम तोड़ दो हम तुम्हारी क़सम तोड़ दें ।


देखिए मस्त कितनी बसंती छटा,
रँग से रँग मिलकर के बनती घटा,
सिर्फ दो अंक का प्रश्न हल को मिला
जोड़ करना था तुमने दिया है घटा,
एक हैं अंक हम-
एक हो अंक तुम-
आओ दोनों को अब जोड़ दें.....
तुम हमारी क़सम तोड़ दो हम तुम्हारी क़सम तोड़ दें ।


स्वप्न आँसू बहाकर न गीला करो,
प्रेम का पाश इतना न ढीला करो,
यूँ ही बढ़ती रहें अपनी नादानियाँ
हमको छूकर के इतना नशीला करो,
हम को जितना दिखा-
सिर्फ तुमको लिखा-
अब ये पन्ना यहीं मोड़ दें.....



तुम हमारी क़सम तोड़ दो हम तुम्हारी क़सम तोड़ दें ।






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मुहब्बतों के दिनों की यही ख़राबी है


तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते
इसीलिए तो तुम्हें हम नज़र नहीं आते


मुहब्बतों के दिनों की यही ख़राबी है
ये रूठ जाएँ तो फिर लौटकर नहीं आते

जिन्हें सलीका है तहज़ीब-ए-ग़म समझने का
उन्हीं के रोने में आँसू नज़र नहीं आते


ख़ुशी की आँख में आँसू की भी जगह रखना
बुरे ज़माने कभी पूछकर नहीं आते


बिसाते -इश्क पे बढ़ना किसे नहीं आता
यह और बात कि बचने के घर नहीं आते


'वसीम' जहन बनाते हैं तो वही अख़बार
जो ले के एक भी अच्छी ख़बर नहीं आते


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वफ़ा को आज़माना चाहिए था

  • वफ़ा को आज़माना चाहिए था 

    वफ़ा को आज़माना चाहिए था, हमारा दिल दुखाना चाहिए था
    आना न आना मेरी मर्ज़ी है, तुमको तो बुलाना चाहिए था

    हमारी ख्वाहिश एक घर की थी, उसे सारा ज़माना चाहिए था
    मेरी आँखें कहाँ नाम हुई थीं, समुन्दर को बहाना चाहिए था

    जहाँ पर पंहुचना मैं चाहता हूँ, वहां पे पंहुच जाना चाहिए था
    हमारा ज़ख्म पुराना बहुत है, चरागर भी पुराना चाहिए था

    मुझसे पहले वो किसी और की थी, मगर कुछ शायराना चाहिए था
    चलो माना ये छोटी बात है, पर तुम्हें सब कुछ बताना चाहिए था

    तेरा भी शहर में कोई नहीं था, मुझे भी एक ठिकाना चाहिए था
    कि किस को किस तरह से भूलते हैं, तुम्हें मुझको सिखाना चाहिए था

    ऐसा लगता है लहू में हमको, कलम को भी डुबाना चाहिए था
    अब मेरे साथ रह के तंज़ ना कर, तुझे जाना था जाना चाहिए था

    क्या बस मैंने ही की है बेवफाई,जो भी सच है बताना चाहिए था
    मेरी बर्बादी पे वो चाहता है, मुझे भी मुस्कुराना चाहिए था

    बस एक तू ही मेरे साथ में है, तुझे भी रूठ जाना चाहिए था
    हमारे पास जो ये फन है मियां, हमें इस से कमाना चाहिए था

    अब ये ताज किस काम का है, हमें सर को बचाना चाहिए था
    उसी को याद रखा उम्र भर कि, जिसको भूल जाना चाहिए था

    मुझसे बात भी करनी थी, उसको गले से भी लगाना चाहिए था
    उसने प्यार से बुलाया था, हमें मर के भी आना चाहिए था

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शयेरी मिश्रण

  • वक्त बर्बाद करती रहती हूँ
    रोज फरियाद करती रहती हूँ
    हिचकियाँ तुझको आ रही होंगी
    मैं तुझे याद करती रहती हूँ.
  • जन्नतों को जहाँ नीलाम किया जाएगा
    सिर्फ औरत को हीं बदनाम किया जाएगा
    हम उसे प्यार इबादत की तरह करते हैं
    अब ये ऐलान, सरेआम किया जाएगा.
  • नाम मेरा लेकर छेड़ते हैं उसको
    क्यों मेरा दीवाना सबको खटकता है
    मैं हीं नहीं पागल उसकी जुदाई में
    सुनती हूँ रातों को, वो भी भटकता है
    प्यार की खुशबू में दोनों नहाए हैं
    मैं भी महकती हूँ वो भी महकता है.
  • उसने कहो कि गंगा के जैसी पवित्र हैं
    जिनके लिए शराब की बोतल हैं लड़कियाँ.
  • अंजुम तुम अपने शहर के लड़कों से ये कहो
    पैरों की बेड़ियाँ नहीं पायल हैं लड़कियाँ.
  • रंग इस मौसम में भरना चाहिए
    सोचती हूँ प्यार करना चाहिए.
  • प्यार का इकरार दिल में हो मगर
    कोई पूछे तो मुकरना चाहिए.
  • दिल किसी की चाहत में बेकरार मत करना
    प्यार में जो धोखा दे, उससे प्यार मत करना
    कारोबार में दिल के तजुर्बा जरूरी है
    जिंदगी का ये सौदा तुम उधार मत करना
    तू मुझे मना लेना, मैं तुझे मना लूंगी
    प्यार की लड़ाई में जीत-हार मत करना.
  • घर के लोगों को हर बात का तेरी मेरी मुलाकात का
    पायलों से पता चल गया, चूड़ियों से खबर हो गई
    मुझको खिड़की पे बैठे हुए, आज भी रात भर हो गई.
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