शांति चाहता था मैं
पर शांति ढूंढ ना पाया।
एकता चाहता था मैं
पर एकता रख ना पाया।
सबमे समानता चाहता था मैं
पर जात पात को मिटा ना पाया।
रोज मंदिर भी जाता था मैं
पर सब में खुदा देख ना पाया।
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