Tuesday 20 February 2018

2 Line Shayari Collection #182

कीमतें गिर जाती हैं अक्सर खुद की,
किसी को कीमती बनाकर अपना बनाने में।


अंधो के शहर में अँधा बन गया तो क्या गिला,
शीशे ने पहचाना नहीं तो अपनों से क्या गिला।
नाराज़ ना होना कभी बस यही एक गुज़ारिश है
महकी हुई इन साँसों की साँसों से सिफ़ारिश है।
नाराज़ ना होना कभी बस यही एक गुज़ारिश है,
महकी हुई इन साँसों की साँसों से सिफ़ारिश है।
लोग अच्छी ही चीजों को यहाँ ख़राब कहते हैं,
दवा है हज़ार ग़मों की उसे शराब कहते हैं।
तुम साथ हो तो दुनियां अपनी सी लगती है,
वरना सीने मे सांसे भी पराई सी लगती है।
कभी मिले फुर्सत तो इतना जरुर बताना,
*वो कौनसी मुहोब्बत थी जो हम तुम्हे ना दे सक।
न जाने रूठ के बैठा है दिल का चैन कहाँ,
मिले तो उस को हमारा कोई सलाम कहे।
ऐ दिल अब छोड़ भी दे उसे याद करना,
वो कलमा नही जो तू भूल गया तो काफिर हो जायेगा।
वो किसी की खातिर मुझे भूल भी गया तो कोई बात नहीं,
हम भी तो भूल गये थे  सारा ज़माना उस की खातिर।

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