Sunday, 13 January 2019

Ab to gham sehne ki aadat si ho gai hai

काँच का तोहफा ना देना कभी,
रूठ कर लोग तोड दिया करते हैं,
जो बहुत अच्छे हो उनसे प्यार मत करना,
अकसर अच्छे लोग ही दिल तोड दिया करते है।

वाकिफ है हम इस दुनिया के रिवाज़ो से जब,
दिल भर जाता है तो हर कोई भुला देता है।

दर्द का एहसास जानना है तो प्यार करके देखो,
अपनी आँखों में किसी को उतार कर देखो,
चोट उनको लगेगी आँसू तुम्हें आ जायेंगे,
ये एहसास जानना हो तो दिल हार कर देखो।

रिश्तों ने थामी नहीं, जब रिश्तों की डोर,
रिसते रिसते हो गये, तब रिश्ते कमज़ोर।

तू मुझमें पहले भी था, तू मुझमें अब भी है,
पहले मेरे लफ्जों में था, अब मेरी खामोशियों में है।

अब तो गम सहने की आदत सी हो गयी है,
रात को छुप-छुप रोने की आदत सी हो गयी है,
तू बेवफा है खेल मेरे दिल से जी भर के..
हमें तो अब चोट खाने की आदत सी हो गयी है!

मोहब्बत करने चला है,
तो कुछ अदब भी सीख लेना ऐ-दोस्त
इसमें हंसते साथ हैं,
पर रोना अकेले ही पड़ता है!

प्यार जब मिलता नही तो होता ही क्यूँ है,
अगर ख्वाब सच नही होते तो इंसान सोता क्यू है,
जब यही प्यार आँखो के सामने किसी और का हो जाए,
तो फिर यह पागल दिल इतना रोता क्यूँ है

जा और कोई ज़ब्त की दुनिया तलाश कर,
ऐ इश्क़ हम तो अब तेरे क़ाबिल नहीं रहे।
Ja Aur Koi Jabt Ki Duniya Talash Kar,
Ai Ishq Hum Toh Ab Tere Qabil Nahi Rahe.

न हाथ थाम सके और न पकड़ सके दामन,
बहुत ही क़रीब से गुज़र कर बिछड़ गया कोई।
Na Haath Thaam Sake Aur Na Pakad Sake Daaman,
Bahut Hi Kareeb Se Gujar Kar Bichhad Gaya Koi.

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