Thursday 30 July 2020

Mere “shabdon” ko itne dhyan se na padha karo Shayari

क्या कहें हम रखते ही नहीं खबर कौन कैसा है…
कर लेते हैं भरोसा हर एक पर अपना तो दिल ही ऐसा है।

मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,
कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे।
Mere “shabdon” ko itne dhyan se na padha karo dosto,
kuchh yaad rah gaya to.. mujhe bhool nahin paoge.

मैं तो बस एक मामूली सा सवाल हूँ साहिब..
और लोग कहते हैं.. तेरा… कोई जवाब नहीं… 😎😎

खुदा से क्या मांगू तेरा वास्ते, सदा खुशियां हो तेरे रास्ते..
हँसी तेरे चेहरे पे रहे इस तरह, खुशबू फूलों का साथ, निभाती है जिस तरह।

देखिए ना तेज़ कितनी उम्र की रफ़्तार है,
ज़िंदगी में चैन कम और फ़र्ज़ की भर-मार है!

वक्त भी ये कैसी पहेली दे गया उलझने को
जिंदगी और समझने को उम्र दे गया।

मिल जाता है दो पल का सुकूंन चंद यारों की बंदगी में
वरना परेशां कौन नहीं अपनी-अपनी ज़िंदगी में।

सांसे खर्च हो रही है बीती उम्र का हिसाब नहीं,
फिर भी जीए जा रहें हैं तुझे, जिंदगी तेरा जवाब नहीं।

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