Wednesday 13 January 2021

बिना सोचे किसी पर ऐतबार न कर

रात सुकूँ है दिल को बेकरार न कर,
बिना सोचे किसी पर ऐतबार न कर।

 

~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’

 

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