Thursday 30 June 2022

ज़िन्दगी में जो चाहते है साला वो ही नहीं मिलता

 

जिन आँखों में ख्वाब रहा करते थे उनमें ये डर कैसा है?
जिस घर मुझे घर सा नहीं लगता ये मेरा घर कैसा है?

नाज़ुक सी ज़िन्दगी इतने कठोर सवालो से भरी क्यों है?
जो मुझे चाहिए वो किसी और की बाहों में भरी क्यों है?

इन सवालो के जवाब में नए सवाल क्यों है?
वो भी एक आम सा ही लड़का होगा आखिर
उसके लिए इतना बवाल क्यों है?

मेरी तरह क्यों कोई नहीं मिलता ?
दिल मिलकर दिल क्यों नहीं मिलता ?

हमसे ज़िन्दगी कुछ खास मोहब्बत करती है क्या?
जो चाहते है साला वो ही नहीं मिलता….

 

~ रोहित सुनार्थी

 

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