Tuesday 13 June 2017

2 Line Shayari, Bas itna yaad hai

बस इतना याद है, सारे अपने थे..
किसने क्या चाल चली, कुछ याद नही।


दिल है, टूटेगा पता था..
जिसके लिए धड़कता है,वो तोड़ेगा, नही पता था।
जुदा होकर भी जी रहे है..
जो कभी कहते थे ऐसा हो ही नही सकता।
एम्बुलेंस सा हो गया है ये जिस्म,
सारा दिन घायल दिल को लिये फिरता है।
लाख पता बदला, मगर पहुँच ही गया..
ये ग़म भी था कोई डाकिया ज़िद्दी सा।
मुझको छोडने की वजह तो बता जाते..
तुम हमसे बेजार थे या हम जैसे हजार थे।
ख्वाहिश सिर्फ यही है की..
जब मैं तुझे याद करु तू मुझे महसूस करे।
शीशा तो टूट कर, अपनी कशिश बता देता हैं
दर्द तो उस पत्थर का हैं, जो टुटने के काबिल भी नही।
खुद को समेट के, खुद में सिमट जाते हैं हम..
एक याद उसकी आती है.. फिर से बिखर जाते है हम।
कर दिया मेरी चाहत ने उसे लापरवाह..
मैने याद नही दिलाया, तो मेरा ख्याल भी नही आया।

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