Wednesday 28 June 2017

2 Line Shayari, Yu na barbad kar mujhe

यूँ ना बर्बाद कर मुझे, अब तो बाज़ आ दिल दुखाने से..
मै तो सिर्फ इन्सान हूँ, पत्थर भी टूट जाता है, इतना आजमाने से।


कभी तुम पूछ लेना, कभी हम भी ज़िक्र कर लेगें..
छुपाकर दिल के दर्द को, एक दूसरे की फ़िक्र कर लेंगे।
ये उड़ती ज़ुल्फें और ये बिखरी मुस्कान,
एक अदा से संभलूँ तो दूसरी होश उड़ा देती है।
सब मुझे ही कहते है की भूल जाओ उसे,
कोई उसे क्यूँ नहीं कहेता की वो मेरी हो जाए।
वफ़ा करनी भी सीखो इश्क़ की नगरी में ए दोस्त..
फ़क़त यूँ दिल लगाने से दिलों में घर नही बनते..!!
गुफ्तगू उनसे होती यह किस्मत कहाँ..
ये भी उनका करम है कि वो नज़र तो आये।
इक झलक देख लें तुझको तो चले जाएंगे..
कौन आया है यहां उम्र बिताने के लिए।
निकल गया तलाश में उसकी मैं पागलों की तरह..
जैसे मुझे अब इंतज़ार नहीं #सनम चाहिये।।
दुआ करो की वो सिर्फ हमारे ही रहे,
क्यूंकि हम भी किसी और के होना नहीं चाहते।
हवस ने पक्के मकान, बना लिये हैं जिस्मों में..
और सच्ची मुहब्बत किराये की झोपड़ी में, बीमार पड़ी है आज भी।

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