Monday 14 May 2018

2 Line Shayari #213, Main Lamha hu ki arsa

मै लम्हा हूँ कि अरसा हूँ कि मुद्दत हूँ,
ना जाने क्या हूँ.. बीता जा रहा हूँ।

धुआँ बन के मिल जाओ हवाओं में तुम,
साँस लेकर तुम्हें दिल में उतार लेंगे हम।

नींदे हड़ताल पे है जनाब आँखों की मांगें है,
जब तक तुम्हे देख ना ले तब तक सोयेंगे नही।

ख़्वाबों के उफ़क़ पर तेरा चेहरा हो हमेशा,
और मैं इसी चेहरे से नए ख़्वाब सजाऊँ।

चेहरे पे तबस्सुम ने एक नूर सा छलकाया,
क्या काम चिरागों का जब चाँद निकल आया।

इश्क़ किया है तुमसे तुम ही बता दो,
मैं अपने सभी शिकवे ले कर कहाँ जाऊं।

कह दो ना इस दर्द को तुम्हारी तरह बन जाये,
ना मुझे याद करें और ना मेरे करीब आये। 💔

गर शौक चढ़ा है इश्क़ का तो इम्तेहान देना तुम,
बारिश में भी मेरे अश्क़ों को पहचान लेना तुम। 🌹💞

तेरी रूह से मेरे दिल का बडा गहरा है रिश्ता,🌹💞
यही वजह है मेरे दिल में तेरा हर वक़्त धड़कना।

क्या पता क्या खूबी है उनमे और क्या कमी है हम में,
वो हमे अपना नही सकते और हम उन्हे भुला नही सकते।

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