Monday 7 June 2021

यह जीवन है क्षण भंगुर

जब जान लिया कि यह जीवन है क्षण भंगुर
फिर हे मनुष्य है तुझे किस बात का गुरूर
उठो! खंडित कर दो ऐसे विचार संकीर्ण
दिल के पिंजरे से कर दो मोहब्बत को विकीर्ण

 

~ Himanshi Nigam

 

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