शायर सी मेरी पहचान कहाँ हैं
किराये का मेरा मकान कहाँ हैं
जान दे दे यहाँ किसी के लिए
अब इतनी किसी में जान कहाँ हैं
दिल से बेघर हुए लापता भी हुए
कौन जाने मेरे अरमान कहाँ हैं
सिर्फ सुनते रहे जो बेगम की हम
आज ढूढ़ा किये खानदान कहाँ हैं
पुजारी ने थाने में लिखाये रिपोर्ट
मंदिर का मेरे भगवान कहाँ हैं
~ साजिद घायल
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