जो जीते हैं सिर्फ़ अपनी खुशियों के लिए, उनके लिए रिश्तों का मोल होता नहीं है।
खो जाते हैं वो किसी दूसरी दुनिया में, वास्तव में उनके लिए कोई रोता नहीं है।
~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’
The post जो जीते हैं सिर्फ़ अपनी खुशियों के लिए appeared first on Shayari.
No comments:
Post a Comment