Tuesday 8 August 2017

दर्द-ए-दिल और ये आँखें वीरान

कसम से सब्र की इन्तहा हो चली हैं
दर्द-ए-दिल कहना हैं अब मुश्किल
और येह आँखें वीरान हो चली हैं

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