Wednesday 26 December 2018

Teri mohabbat se mujhe inkaar nahi

तेरी मोहब्बत से मुझे इनकार नहीं,
कौन कहता है जान मुझे तुझसे प्यार नहीं,
तुझसे वादा है साथ निभाने का,
पर मुझे अपनी साँसों पर ऐतबार नहीं। 💞

प्यार करो तो हमेशा मुस्करा के,
किसी को धोखा ना दो अपना बना के,
कर लो याद जब तक हम ज़िंदा है,
फिर ना कहना कि चले गए दिल में यादें बसा कर। 💞

इस बात का एहसास किसी पर ना होने देना,
कि तेरी चाहतों से चलती हैं मेरी साँसे। 💖

इश्क़ ने हमें बेनाम कर दिया,
हर ख़ुशी से हमे अंजान कर दिया,
हमने तो कभी नहीं चाहा कि हमें भी मोहब्बत हो,
लेकिन आपकी एक नज़र ने हमें नीलाम कर दिया। 💕

दिल था, कोई रफ कॉपी नहीं थी,
तुम आये और घुचड़मुचड़ करके चले गए अनपढ़ कहीं के। 💞

मेरे दिल में तेरे लिए प्यार आज भी है,
माना कि तुझे मेरी मोहब्बत पर शक आज भी है,
नाव में बैठकर जो धोए थे हाथ तूने..
पूरे तालाब में फैली मेंहदी की महक आज भी है। 💕

कोई रिश्ता ना जोड़ो मगर सामने तो रहो तुम अपने,
गुरूर में खुश और हम तेरे प्यार के सुरुर में खुश। 💖

कितने अनमोल होते हैं यह मोहब्बत के रिश्ते,
भी कोई याद न भी करे फिर भी इंतज़ार रहता है। 💞

The post Teri mohabbat se mujhe inkaar nahi appeared first on Shayari.

No comments:

Post a Comment