Wednesday, 16 May 2018

2 Line Shayari #216, Dard Mitha ho to

दर्द मीठा हो तो रुक रुक के कसक होती है,
याद गहरी हो तो थम थम के क़रार आता है।

भरने को तो हर ज़ख्म भर जाएगा लेकिन,
कैसे भरेगी वो जगह जहाँ तेरी कमी होगी। 💞

मुस्कराहट एक कमाल की पहेली है,
जितना बताती है उससे कहीं ज्यादा छुपाती है। 🍁

हर बात मानी है तेरी सिर झुका कर ऐ जिंदगी,
हिसाब बराबर कर तू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी।

ग़ज़ब की दीवानगी है तुम्हारी मोहब्बत में,
तुम हमारे नहीं फिर भी हम तुम्हारे हो गए।

नादानियां झलकती है अभी भी मेरी आदतो से,
मैं खुद हैरान हूँ मुझे इश्क़ हुआ तो हुआ कैसे।

खुद को समेट के, खुद में सिमट जाते हैं हम,
एक याद उसकी आती है फिर से बिखर जाते है हम। 💕

तुम गुज़ार ही लोगे ज़िन्दगी, हर फन में माहिर हो,
पर मुझे तो कुछ भी नहीं आता, तुम्हे चाहने के सिवा। 💕

अच्छा लगता है मुझे उन लोगों से बात करना,
जो मेरे कुछ भी नही लगते पर फिर भी मेरे बहुत कुछ हैं। 😎

एक ही चेहरे की अहमियत हर एक नजर में अलग सी क्यूँ है,
उसी चेहरे पर कोई खफा तो कोई फिदा सा क्यूँ है। 🌹

The post 2 Line Shayari #216, Dard Mitha ho to appeared first on Hindi Shayari.

No comments:

Post a Comment