Thursday, 17 May 2018

2 Line Shayari #217, Mera Kya haal hai

मेरा क्या हाल है तेरे बिना कभी देख तो ले,
मैं जी रहा हूँ तेरा भूला हुआ वादा बनकर।

कुछ को हकीकत कुछ ख्वाब करना है,
बहुत से लोग है जिनका हिसाब करना है। 😊

हजारो अश्क थे मेरी आँखों की हिरासत में,
किसीकी याद आई और इनको जमानत मिल गयी।

काश मेरे लफ़्ज़ उसके दिल पर असर करें,
वो मेरे करीब आ कर कहें चलो जिंदगी बसर करें।

निकल रहा था सुबह तक मेरे होठो से खून,
रात को इस कदर तेरी तस्वीर को चूमा था मैंने।

अब उसे ना सोचूं तो जिस्म टूटने लगता है,
एक वक्त गुजरा है उसके नाम का नशा करते करते।

जल गया अपना नशेमन तो कोई बात नहीं,
देखना ये है कि अब आग किधर लगती है।

चेहरे अजनबी हो भी जायें तो कोई बात नहीं,
लेकिन रवैये अजनबी हो जायें तो बड़ी तकलीफ देते हैं।

टूटे हुवे सपनो और रूठे हुवे अपनों ने आज उदास कर दिया,
वरना लोग हमसे मुस्कराने का राज पुछा करते थे।

कभी इसका दिल रखा और कभी उसका दिल रखा,
इसी कशमकश में भूल गए खुद का दिल कहाँ रखा। 🙏

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