Thursday 10 September 2020

अब तो टूट कर बिखरने की देरी हैं

हौसले जवाब दे रहे हैं, हारके उन हालातों से,
धीरे धीरे दूर हो रहा हूँ, अपने ही जज़्बातों से,
अब तो टूट कर बिखरने की देरी हैं….
आजा संभाल ले, इन हाथों को उन हाथों से

 

~ Piyush kr. Singh

 

The post अब तो टूट कर बिखरने की देरी हैं appeared first on Shayari.

No comments:

Post a Comment