Sunday 6 September 2020

भाग्य का दस्तूर

“यह भाग्य है या, दुनिया का दस्तूर है।
जो जिसको प्यारा है, वह उससे दूर है।”

 

~ जितेंद्र मिश्र ‘भरत जी’

 

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