Sunday, 22 April 2018

2 Line Shayari #202, Dhadkane kabu me nahi

धड़कने काबू में नहीं हैं आज,
लगता है कोई बेहताशा याद कर रहा है। 💫

भूल जाना तुम मुझे, पर ये याद रखना,
तेरी रूह रोयेगी, जब कोई मेरा नाम लेगा।

महक गुलाब की आएगी तुम्हारे हाँथों से..
किसी के रास्ते से कांटा हटाकर तो देखो।

अपनी नज़रों को सम्भाल ए-इब्ने-आदम,
हर ज़रूरतमंद औरत बदचलन नहीं होती।

ना जाने किस बात पे आप नाराज है हमसे,
ख्वाबों मे भी मिलते है तो बात नही करते। 😔

वो एक तेरा वादा कि हम कभी जुदा ना होंगे,
वो किस्सा हम अपने दिल को सुनाकर अक्सर मुस्कुराते हैं। 💖

दिल मे ना जाने कैसे तेरे लिए इतनी जगह बन गई,
तेरे मन की हर छोटी सी चाह मेरे जीने की वजह बन गई। 💕

निभाएँ किस तरह रिश्ते, समझ में कुछ नहीं आता,
किसी से दिल नहीं मिलता, कोई दिल से नहीं मिलता।

कह दो हर वो बात जो जरुरी है कहना,
क्योंकि, कभी-कभी जिन्दगी भी बेवक्त पूरी हो जाती है।

हम तो उसकी हर ख्वाहिश पुरी करने का वादा कर बैठे,
हमे क्या पता की हमें छोड़ना भी उसकी ख्वाहिश थी। 😔

The post 2 Line Shayari #202, Dhadkane kabu me nahi appeared first on Shayari123.com.

No comments:

Post a Comment