अक्सर दिखावे का प्यार ही शोर करता है,
सच्ची मोहब्बत तो इशारों में ही सिमट जाती है।
हम तो आदी है सह लेंगे तेरा दिया हुआ हर जख्म ऐ दोस्त,
लेकिन सोचते है अगर तुझे किसी ने ठुकराया तो तेरा क्या होगा।
में कभी पुराने फ़टे कपड़े पहनने में नही हिचकिचाता,
मुझे याद है वो तपते दिनों में पापा का काम करना।
अगर तू शोर है तो मेरी खमोशी तोड़ के दिखा,
अगर तू इश्क़ है तो मेरी रूह मे उतर कर दिखा।
मन का कोई कोना अंधेरे में ना रहे,
एक चिराग भीतर भी जलाओ यारों।
कहतें हैं कि मोहबत एक बार होती है..
पर मैं जब जब उसे देखता हूँ मुझे हर बार होती है।
अब तो स्याही भी ना सूख पाती है, अखबार की,
रोज़ एक और खबर आ जाती है, बलात्कार की।
ढूँढती हैं तुम्हें बेतहाशा मेरी नज़र,
ए हवा अब तो दे दे उन्हें ये ख़बर।
तू सिगरेट की पहली फूंक की तरह है तू,
जरूरी भी है और नुकसानदायक भी।
मैंने तो यूँ ही देखा था दीदार-ए-शौक की खातिर,
तुम दिल में उतर जाओगे ऐसा कभी सोचा ना था।
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