Friday, 28 September 2018

2 Line Shayari #227, Kya likhu apni zindagi ke bare me

क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में.. दोस्तों,
वो लोग ही बिछड़ गए जो जिंदगी हुआ करते थे। 😔🍂

मैले हो जाते हैं रिश्ते भी लिबासों की तरह
कभी-कभी इनको भी मोहब्बत से धोया कीजिए। 💕

जिसका ये ऐलान है कि वो मज़े में है,
या तो वो फ़कीर है या फिर नशे में है। 🍃🍂

प्यार के दो मीठे बोल से खरीद लो मुझे,
दौलत की सोचोगे तो पूरी दुनिया बेचनी पड़ेगी तुम्हे। 💰💸

ज़िन्दगी से जो भी मिले, सीने से लगा लो,
गम को सिक्के की तरह उछाला नहीं करते। 📕 💰

नाकाम हुए हम दोनों बुरी तरह से,
वो मुझे चाह न सका मैं उसे भुला न सकी। 💔

जब रूह में उतर जाता हैं बेपनाह इश्क का समन्दर,
लोग जिन्दा तो होते हैं मगर किसी और के अंदर।

शायरी हैं, सच है आँसुओ से लिखी जाती हैं,
लोग वाह करते हैं तो, कलम जश्न मानती हैं। ✍

रहने दे कुछ बातें यूँ ही अनकही सी,
कुछ जवाब तेरी आँखों में देखे हैं अटके हुए।

पाक मुहब्बत थी बचपन में हर इक ज़ात से,
बड़े हो कर बट गये हैं हिन्दू-मुस्लिम की बात से। ✍

The post 2 Line Shayari #227, Kya likhu apni zindagi ke bare me appeared first on Shayari.

No comments:

Post a Comment