Wednesday 5 September 2018

शमा और परवाने की इश्क़ मोहब्बत शायरी

ना जाने मुहब्बत में कितने अफसाने बन जाते है,
शमां जिसको भी जलाती है, वो परवाने बन जाते है।
कुछ हासिल करना ही इश्क कि मंजिल नही होती,
किसी को खोकर भी, कुछ लोग दिवाने बन जाते है।

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