कौन कहता है संवरने से बढ़ती है खूबसूरती
दिलों में चाहत हो तो चेहरे यूँ ही निखर आते है
वो चाय ही क्या जिसमें उवाल न हो
वो इश्क़ ही क्या जिसमें बवाल न हो!!
मेरे “इश्क़” के तरीके बेहद जुदा हैं औरों से..
मुझे “तन्हा” होने पर भी इश्क़ करना आता है
न दुख न तकलीफ़ हो तो क्या मजा है जीने में।
बड़े से बड़े तुफान ढल जाते हैं जब आग लगी हो सीने में।
वो आँखें झुक गयी मुझे देख कर,
यकीनन उसने कभी मुझे चाहा तो ज़रूर होगा!
ये तेरी बदमाश यादों का ही असर है.
हम जब भी लिखते हैं, शब्द मुस्कराने लगते हैं
आवाज़ देता रहा दिल बेहिसाब उनको
आना तो दूर उन्होनें पलटना भी मुनासिब ना समझा
ख़ामोशी से क़रीब आ कर यू बाँहों में भर लेना
मौहब्बत करने वालो के अजब अंदाज होते हैं।
तेरी चाहत के बिना मैरी इबादत पूरी नही होती है,
तुम जिदँगी हो मैरी तुम बिन मैरी जिदँगी पूरी नही होती है!
एक धुन सवार है.. तेरे नाम की इस दिल पर
देखते हैं ज़िन्दगी अब.. निखरेगी.. या बिखरेगी !!
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