बड़ी शिदत से कोशिश कर रहा हूँ अब में तुम्हे भूलने की,
कभी बहुत दिल से दुआ करता था तुम्हे अपना बनाने की।
कुछ बेगाने है.. इसलिए चुप हैं,
कुछ चुप है.. इसलिए बेगाने है।
तुम तो अपने थे जरा हाथ तो बढ़ाया होता,
गैर भी डूबने वाले को बचा लेते है!
हम ने दिल के दरवाज़े पर लिखा था अन्दर आना मना है,
इश्क़ ने आ के फ़रमाया, माफ़ कीजियेगा मैं अँधा हूँ।
दिल चाहता हैं कि फिर अजनबी बनकर देखें,
तुम तमन्ना बन जाओ हम उम्मीद बनकर देखें।
एहसास तेरा छूकर रूह को जब जब गुजरा है,
तब तब हर लम्हा ज़िंदगी का गुलाब की तरह निखरा है।
किस ख़त में लिख कर भेजूं अपने इंतज़ार को तुम्हें,
बेजुबां हैं इश्क़ मेरा और ढूंढता है ख़ामोशी से तुझे।
कमाल करता है ऐ दिल उसे तेरे लिए फुर्सत नहीं,
और तूझे उसके लिए एक पल चैन नहीं।
अजीब लुत्फ़ कुछ आपस के छेड़छाड़ में है,
कहाँ मिलाप में वो बात, जो बिगाड़ में है।
आईना फैला रहा है खुदफरेबी का ये मर्ज,
हर किसी से कह रहा है आप सा कोई नहीं।
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