Friday 28 September 2018

Life Shayari, Rui ka gadda bech kar Maine ek dari

सुकून-ए-ज़िंदगी

रुई का गद्दा बेच कर.. मैंने इक दरी खरीद ली,
ख्वाहिशों को कुछ कम किया मैंने और ख़ुशी खरीद ली..

सबने ख़रीदा सोना..मैने इक सुई खरीद ली,
सपनो को बुनने जितनी डोरी ख़रीद ली..

मेरी एक खवाहिश मुझसे मेरे दोस्त ने खरीद ली,
फिर उसकी हंसी से मैंने अपनी कुछ और ख़ुशी खरीद ली..

इस ज़माने से सौदा कर.. एक ज़िन्दगी खरीद ली,
दिनों को बेचा और शामें खरीद ली..

शौक-ए-ज़िन्दगी कमतर से और कुछ कम किये,
फ़िर सस्ते में ही “सुकून-ए-ज़िंदगी” खरीद ली!
💕💕

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