Monday 27 November 2017

2 Line Shayari Collection #168

ये आशिको का ग्रुप है जनाब..
यहाँ दिन सुरज से नही दीदार से हुआ करते है।


न कोई वादा न कोई यक़ीं न कोई उम्मीद,
मगर हमें तो तेरा इंतज़ार करना था।
उम्र कैद की तरह होते हे कुछ रिश्ते,
जहा जमानत देकर भी रिहाई मुमकिन नही।
कमाल का जिगर रखते है कुछ लोग,
दर्द पढ़ते है और आह तक नहीं करते।
कभी कुछ रिश्ते इस कदर घायल कर देंते है,
की अपने ही घर लौट पाना मुश्किल हो जाता है।
उम्मीद ना करो इस दुनिया से किसी से हमदर्दी,
की बड़े प्यार से जख्म देते हैँ, शिद्दत से चाहने वाले।
ख्वाब हमारे टूटे तो हालात कुछ ऐसी थी,
आँखे पल पल रोती थीं, किस्मत हँसती रहती थी।
मेरी तमन्नाओं की दुनिया पर उदासी छा गयी,
भूली थी कभी जो दास्ताँ आज फिर याद आ गयी।
उनसे बिछड़े तो मालूम हुआ मौत क्या चीज है,
ज़िन्दगी वो थी जो हम उनकी महफ़िल में गुजार आए।
इश्क करने चला है तो कुछ अदब भी सीख लेना,
ए दोस्त इसमें हँसते साथ है पर रोना अकेले ही पड़ता है।

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