Thursday 30 November 2017

2 Line Shayari Collection #174

दोष कांटो का कहाँ हमारा है जनाब,
पैर हमने रखा वो तो अपनी जगह पे थे।


ये इश्क है जनाब यहा इंसान निखरता भी,
कमाल का है और बिखरता भी कमाल का है।
कितने ही दिल तोड़ती है ये फरवरी,
यूं ही नही बनाने वाले ने इसके दिन घटाये होंगे।
हाल यह है के तेरी याद में गम हूँ,
सब को मेरी और मझे को तेरी पड़ी रहती है।
सच कहू तो में आज भी इस सोच में गुम हूँ,
में तुम्हे जीत तो सकता था जाने हरा क्यों।
हाथ पर हाथ रखा उसने तो मालुम हुआ,
अनकही बात को किस तरह सुना जाता है।
जिंदगी में कुछ ऐसे लोग भी मिलते है,
जिन्हें हम पा नहीं सकते सिर्फ चाह सकते हैं।
आज बता रहा हूँ नुस्खा-ए-मौहब्बत ज़रा गौर से सुनो,
न चाहत को हद से बढ़ाओ न इश्क़ को सर पे चढ़ाओ।
जिन्हें सांसो की महक से इश्क महसूस ना हो,
वो गुलाब देने भर से हाल-ए-दिल को क्या समझेंगे।
बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं हम एक दूसरे के करीब से,
फिर भी कमबख्त दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है।

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