Thursday 2 November 2017

Hindi Poetry, In aankho me

इन आँखों में

इन आँखों में डूब कर मर जाऊं,
ये खूबसूरत मैं काम कर जाऊं,

तेरी आँखों की झील उफ़्फ़ तौबा,
इन गहराईओं में मैं अब उतर जाऊं,

तेरी आँखें हैं या मय के ये पैमाने हैं,
पी लूं और हद से मैं गुजर जाऊं,

एक शिकारा है जो तेरी आँखों में,
तू कहे अगर तो इनमें मैं ठहर जाऊं,

तेरी आँखों की झील सी गहराई में,
जी चाहता है मेरा आज मैं उतर जाऊं।

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