Monday 20 November 2017

2 Line Shayari, Kambakkht dost

खींच कर उतार देते हैं उम्र की चादर, 👬
ये कमबख़्त दोस्त कभी बूढ़ा नहीं होने देते।


झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया,
इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते।
लोग पूछते है वजह तेरे मेरे करीब होने की,
बता दे उनको मैं इश्क हूँ और तू मेरी आदत।
तुम मुहब्बत के सौदे बड़े अजीब करते हो,
बस यू नीगाहों से मुस्कुराते हो और दिल खरीद लेते हो।
ये कश्मकश है ज़िंदगी की, कि कैसे बसर करें,
ख्वाहिशे दफ़न करे, या चादर बड़ी करें।
तेरी मौजूदगी महसूस वो करे जो जुदा हो तुझसे,
मैंने तो अपने आप में तुझे बसाया है एक दोस्त की तरह।
याद आयेगी हर रोज, मगर तुझे आवाज़ न दूंगा,
लिखूंगा तेरे लिये हर गजल, मगर तेरा नाम न लूंगा।
मेरे रोने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता ऐ दिल,
जिनके चाहने वाले ज्यादा हो वो अक्सर बे दर्द हुआ करते हैं।
तलब मौत की करना गुनाह है ज़माने में यारो,
मरने का शौक है तो मोहब्बत क्यों नही करते।
जिंदगी में कभी भी अपने किसी हुनर पे घमंड मत करना,
क्यूँकी पत्थर जब पानी में गिरता है तो अपने ही वजन से डूब जाता है।

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