Thursday 19 April 2018

2 Line Shayari #194, Khareed pau khushiyan

खरीद पाऊँ खुशियाँ उदास चेहरों के लिए,
मेरे किरदार का मोल इतना करदे खुदा। 🙏🏻

तड़प रहे है हम तुम्हारे एक अल्फाज के लिए,
तोड़ दो ख़ामोशी मुझे ज़िंदा रखने के लिए।

उसके लिये तो मैंने यहां तक दुआएं कि है..
उसे कोई चाहे भी तो.. बस मेरी तरह चाहे।

कोई समझे तो एक बात कहूँ साहब,
तनहाई सौ गुना बेहतर है मतलबी लोगों से। ❣

तुम्हारी और मेरी रात में बस फर्क इतना है,
तुम्हारी सो के गुजरी है, हमारी रो के गुजरी है। 😰

महफूज़ रख, बेदाग रख, मैली ना कर जिंदगी,
मिलती नहीं इंसान को किरदार की चादर नई।

शुकर किये जा तू मालिक का शुकराना ही भक्ति है,
शिकवे गिले को लब पर अपने न लाना ही भक्ति है।

बहुत गुस्ताख है तेरी यादे इन्हे तमीज सिखा दो,
कमबख्त दस्तक भी नही देती और दिल में उतर जाती है।

लगता है आँखों से अश्क़ों की तरह बरसते रहेंगे हम,
ताउम्र प्यार के लिए इसी तरह तरसते रहेंगे हम। 💕

ख़त्म हुआ अब महबूब की गलियों मे घूमने का दस्तूर,
अब जब भी उनकी याद आती है, DP खोल के देख लेते हैं। 💔

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