Thursday 19 April 2018

2 Line Shayari #195, Tash ke patte

ताश के पत्ते खुशनसीब है यारों,
बिखरने के बाद उठाने वाला तो कोई है। 🎋

उलझते सुलझते हुए जिंदगी के हर पल और,
खुश्बू बिखेरता हुआ तेरा खुश्बुदार सा ख्याल। 💝

कौन कहता है आग से आग बुझती नहीं,
हुज़ूर दिल से ज़रा दिल लगा कर तो देखो। 💞

मेरा कत्ल करने की उसकी साजीश तो देखो,
करीब से गुज़री तो चेहरे से पर्दा हटा लिया।

मुझे परखने में तूने पूरी जिंदगी लगा दी,
काश! कुछ वक्त समझने में लगाया होता।

अच्छा हुआ कि तुमने हमें तोड़ कर रख दिया,
घमण्ड भी हमें बहुत था तेरे होने का। 😢

जैसे जलानी थी हमने जला दी जिंदगी..
अब धुँए पर तमाशा कैसा और राख पर बहस कैसी।

डालना अपने हाथों से कफन मेरी लाश पर,
की तेरे दिए जखमों के तोहफे कोई और ना देख ले। 🌹

मुड़े-मुड़े से हैं किताब-ऐ-इश्क़ के पन्ने,
ऐ-सनम ये कौन है जो हमें हमारे बाद पढ़ता है।

ये कैसा तुम्हारा ख्याल है जो मेरा हाल बदल देता है,
तूम दिसम्बर की तरह हो जो पूरा साल बदल देता है।

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