Sunday 22 April 2018

2 Line Shayari #203, Main koi choti si kahani nahi

मैं कोई छोटी सी कहानी नहीं थी,
पर तुम ने पन्ने ही जल्दी पलट दिए। 😔

कितने कमाल की होती है ना दोस्ती,
वजन होता है लेकिन बोझ नही होती। 💕

उम्र बीतती रही जिंदगी के महखानों में,
ना साकी ने पहचाना ना सनम ने।

कितने क़सीदे गढ़े थे तारीफ़ में तेरी,
कमबख्त इस बारिश में सब धूल गए।

ज़रूरी नहीं कि जीने का कोई सहारा हो,
ज़रूरी नहीं कि जिसके हम हों वो भी हमारा हो।

मेरे बस मे नहीं अब हाल-ए-दिल बयां करना,
बस ये समझ लो लफ़्ज़ कम मोहब्बत ज्यादा हैं।

काश क़ैद करलें वो पागली अपनी दिल की डायरी में,
जिसका नाम छुपा रहता है मेरी हर शायरी में।

मिल जाए उलझनो से फुरसत तो जरा सोचना,
क्या सिर्फ फुरसतों मे याद करने तक का रिश्ता है हमसे। 💕

महक रही है ज़िंदगी आज भी,
जिसकी खुशबू से वो कौन है जो बसा है मेरी यादों मे। 💕

काश, बनाने वाले ने थोड़ी-सी होशियारी और दिखाई होती,
इंसान थोड़े कम और.. इंसानियत ज्यादा बनाई होती। 🌹

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