Tuesday 24 April 2018

Hindi Poetry, Ye kitabo ke kisse

किताबों के किस्से
ये किताबों के किस्से, ये फसानो की बातें,
निगाहों की झिलमिल जुदाई की रातें..
मोहब्बत की कसमें, निभाने के वादे,
ये धोखा वफ़ा का, ये झूठे इरादे..
ये बातें किताबी, ये नज्में पुरानी,
ना इन्की हकीक़त, ना इनकी कहानी..
न लिखना इन्हें, ना महफूज़ करना,
ये जज्बे हैं बस, इनको महसूस करना..!!

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