Sunday 15 October 2017

2 Line Shayari, Kis dard ko likhate ho

किस दर्द को लिखते हो इतना डूबकर,
एक नया दर्द दे दिया है उसने ये पूछकर।


सोने जा रहा हूँ तुझे ख्वाब में देखने की हसरत ले कर,
दुआ करना कोई जगा ना दे तेरे दीदार से पहले।
मुझे तेरा साथ.. जिंदगीभर नहीं चाहिये,
बल्कि जब तक तु साथ है.. तब तक जिंदगी चाहिये।
फिर किसी मोड़ पर मिल जाऊँ तो मुहँ फेर लेना तुम,
पुराना इश्क़ हूँ.. फिर उभरा तो कयामत होगी..!!
तुमको बहार समझ कर, जीना चाहता था उम्र,
भर,भूल गया था की मौसम तो बदल जाते हैं।
टूटे मक़ान वाला, दिल में ताजमहल रखता हूँ,
बात गहरी मगर अल्फ़ाज़ सरल रखता हूँ।
सुना है आज उस की आँखों मे आसु आ गये,
वो बच्चो को सिखा रही थी की मोहब्बत ऐसे लिखते है।
हमें भी शौक था दरिया-ऐ-इश्क में तैरने का,
एक शख्स ने ऐसा डुबाया कि अभी तक किनारा न मिला।
लुट लेते है अपने ही वरना, गैरों को
कहां पता इस दिल की दीवार कहां से कमजोर है।
तुझे याद रखने के शौक में, मैंने खुद को भुला दिया,
मेरा नाम पूछा किसी ने जब, तेरा नाम मैंने बता दिया।

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